धनतेरस पर झाड़ू खरीदना न भूलें, देवी लक्ष्मी से है इसका संबंध, जानें क्या है पौराणिक मान्यता

इंदौर। सनातन धर्म में दीपावली को सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है। दीपावली त्योहार की शुरुआत धनतेरस पर्व के साथ शुरू हो जाती है। धनतेरस के दिन प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, भगवान गणेश, कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। इस दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व होता है। पंडित चंद्रशेखर मलतारे के मुताबिक, धनतेरस के दिन सोना-चांदी और बर्तन की खरीदारी की जाती है, लेकिन कुछ ऐसी चीजें भी होती है, जिन्हें इस दिन अनिवार्य रूप से खरीदना चाहिए।
गोमती चक्र भी घर लाएं
धनतेरस के दिन झाड़ू के अलावा गोमती चक्र खरीदना भी शुभ माना जाता है। इसे घर लाने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। ऐसा माना जाता है कि गोमती चक्र देवी लक्ष्मी को बहुत प्रिय होता है। दीपावली के दिन जब लक्ष्मी पूजन करें तो पूजा में गोमती चक्र को भी जरूर रखना चाहिए।
अक्षत चावल भी खरीदें
हिंदू धर्म में अक्षत यानी बिना खंडित चावल को शुभ माना जाता है। पूजा के हमेशा अक्षत चावल ही रखे जाते हैं। धनतेरस पर घर में अक्षत चावल खरीद कर भी लाना चाहिए। इसके अलावा धनतेरस पर पीतल के बर्तन खरीदना भी शुभ माना जाता है। इस चीजों की खरीदारी से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
लक्ष्मी-गणेश जी की मूर्ति
दीपावली में पूजन के लिए यदि आप देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा लाना चाहते हैं तो इन प्रतिमाओं को आप धनतेरस के दिन ही खरीद सकते हैं। दीपावली पर पूजन में देवी और गणेश जी के पूजन का विशेष महत्व है। प्रतिमा के स्थान पर आप सोने या चांदी के सिक्के भी खरीद सकते हैं।
धनतेरस पर जरूर खरीदें झाड़ू
पौराणिक मान्यता है कि धनतेरस के दिन सोना चांदी खरीदना शुभ होता है, लेकिन इसके साथ इस दिन झाड़ू भी जरूर खरीदना चाहिए। वास्तु शास्त्र में भी बताया गया है कि झाड़ू का संबंध मां लक्ष्मी से माना गया है। यदि धनतेरस पर झाड़ू खरीदते हैं तो मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में बरकत बनी रहती है।
डिसक्लेमर
‘इस लेख में निहित किसी भी जानकारी/सामग्री/गणना की सटीकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संग्रहित कर ये जानकारियां आप तक पहुंचाई गई हैं। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है, इसके उपयोगकर्ता इसे महज सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त, इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।’