इंटरनेट मीडिया के जरिए माहौल बनाने शुरू हुई तैयारी

बिलासपुर। केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं के साथ ही राज्य सरकार की विफलता को लोगों के बीच प्रभावी ढंग से पहुंचाने के लिए भाजपाई रणनीतिकारों ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म का उसी अंदाज में उपयोग करने की रणनीति बनाई है। आइटी प्रकोष्ठ को इसकी जिम्मेदारी सौंप दी है। प्रत्येक पोलिंग बूथ में बूथ प्रभारियों की अगुवाई में ग्रुप बनाने का काम किया जा रहा है। इसमें बूथ के मतदाताओं के साथ ही समाज प्रमुखों और युवाओं को जोड़ा जा रहा है। जिले के सभी 1497 पोलिंग बूथों में इंटरनेट मीडिया के अलग-अलग प्लेटफार्म का उपयोग किया जाएगा।
चुनावी सभा,वाल राइटिंग,बैनर पोस्टर के अलावा भाजपा इस बार चुनाव को एक अलग अंदाज में लड़ने की रणनीति बनाई है। राज्य की सत्ता पर वापसी के लिए चुनाव प्रचार के तरीके और लोगों के बीच प्रभावी ढंग से पहुंचने के लिए इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म के विकल्प को खुला रखा है।
इसके लिए बूथ प्रभारियों के अलावा शक्ति केंद्र प्रभारी,विस्तारकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये सभी पदाधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर वाट्सएप ग्रुप बनाएंगे। वाट्सएप ग्रुप के अलावा फेसबुक,इंस्टाग्राम व एक्स के जरिए भी माहौल बनाने की कोशिश करेंगे। मतदाताओं के बीच अपनी बात को प्रभावी ढंग से पहुंचाने और सकारात्मक चर्चा के लिए वाट्सएप और टेलीग्राम को सशक्त माध्यम के रूप में रखा गया है।
आइटी प्रकोष्ठ वाट्सएप और टेलीग्राम के जरिए ग्रुप बनाने और लोगों को जोड़ने के लिए प्रभावी माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने का निर्णय लिया है। टेलीग्राम के जरिए ग्रुप बनाने और मेंबर को जोड़ने के लिए असीमित संख्या है। इसमें फोटो भी आसानी के साथ अपलोड हो जाता है। इंटरनेट मीडिया के ये दोनों महत्वपूर्ण प्लेटफार्म के जरिए लोगों को जोड़कर अपनी बातों को उनके सामने रखने की तैयारी शुरू हो गई है।
जिले में 341 शक्ति केंद्र
जिला निर्वाचन कार्यालय के आंकड़ों पर नजर डालें तो जिले में 1497 पोलिंग बूथ है। भाजपा ने संगठनात्मक कामकाज को आसानी के साथ संचालित करने के लिए जिले को 16 मंडलों में विभाजित कर दिया है। इसमें 341 शक्ति केंद्र का गठन किया है। एक शक्ति केंद्र में तीन से पांच बूथ को शामिल किया है। कहीं-कहीं छह भी है। शक्ति केंद्र में प्रभारी की नियुक्ति की गई है। शक्ति केंद्रों के माध्यम से संगठनात्मक कामकाज को संचालित किया जा रहा है। आइटी प्रकोष्ठ इन्हीं संगठनात्मक ढांचे के अनुरुप अपने काम को अंजाम देगा।