इंजेक्शन चोरी मामले में आगरा से खाली हाथ लौटी आरपीएफ तीन कर्मचारियों से होगी पूछताछ

जबलपुर । पश्चिम मध्य रेलवे के केंद्रीय रेल अस्पताल जबलपुर के दवा स्टोर से लाखों के इंजेक्शन चोरी हो गए। इसकी जांच कर जुटी जबलपुर आरपीएफ की जांच का दायरा उत्तरप्रदेश तक जा पहुंचा है। रेल अस्पताल से चोरी हुए पांच लाख 70 हजार के इंजेक्शन खरीदने वाले आरोपित को पड़ने आरपीएफ टीम आगरा पहुंची, लेकिन उसके पहुंचने से पहले ही वह फरार हो गया, जिसके बाद टीम खाली हाथ लौट आई। अब आरपीएफ ने स्थानीय पुलिस और आगरा आरपीएफ से आरोपित को पकड़ने के लिए मदद मांगी है। इसे पकड़ने के बाद ही यह पता चलेगा कि जबलपुर से आगरा किस तरह से चोरी के इंजेक्शन पहुंचाए जाते थे और अब तक कितनी कीमत के इंजेक्शन बेचे गए। अब तक इस मामले में आरपीएफ ने छह लोगों को आरोपित बनाया है।
अस्पताल कर्मचारियों से फिर होगी पूछताछ
केंद्रीय रेल अस्पताल के दवा स्टोर के प्रभारी डा. कमलेश के अलावा रेल कर्मचारियों से इस मामले में अभी तक पूछताछ की गई है। सूत्र बताते हैं कि आरपीएफ तीन से चार कर्मचारियों से और पूछताछ करेगी। इन कर्मचारियों का स्टोर में आना-जाना था। हालांकि अभी तक की जांच में आरपीएफ ने रेलवे अस्पताल और स्टोर के एक भी कर्मचारी को इस चोरी में आरोपित नहीं बनाया है, जो सबसे चौकने वाली बात है, जिसके बाद यह सवाल उठने लगा है कि स्टोरी प्रभारी और कर्मचारियों की मदद से बिना दवा बेचने वाला व्यक्ति कैसे स्टोर तक पहुंचा और दवा का बाक्स चोरी कर अस्पताल के बाहर कैसे ले गया।
मुख्य आरोपित को मिली जमानत
चोरी के मामले में आरपीएफ ने जिस दवा विक्रेता को आरोपित बनाया था। उसे रिमांड में लेकर पूछताछ पूरी कर उसे कोर्ट में पेश कर दिया गया, जिसके बाद उसे जमानत मिल गई। इधर वहीं अन्य आरोपित भी बारी हो गए हैं। अारपीएफ ने स्टोर से चोरी किए गए लाखों के इंजेक्शन में अभी तक सिर्फ 60 हजार का माल ही रिकवर किया है। शेष माल की रिकवरी आगरा से आरोपित को पकड़ने के बाद ही संभव है। इस वजह से इसकी तलाश में पूरी टीम जुट गई है।