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ग्वालियर

एनजीटी ने माधव राष्ट्रीय उद्यान के इको सेंसिटिव जोन में संचालित सभी खदानों को बंद करने के आदेश दिए

अधिवक्ता अभय जैन द्वारा माधव राष्ट्रीय उद्यान के इको सेंसेटिव जोन में संचालित उत्खनन कार्य को लेकर एनजीटी में याचिका दायर की गई थी जिसकी सुनवाई 21 सितंबर को हुई।
पिछली सुनवाई में एनजीटी द्वारा एक कमिटी गठित कर इस मुद्दे पर रिपोर्ट तलब की थी। कमिटी की रिपोर्ट में साफ दर्शाया गया है कि राष्ट्रीय उद्यान के इको सेंसिटिव जोन में पूर्व में संचालित खदान का मलबा वही पड़ा है एवं विशालकाय गड्ढों को भरा नही गया है।
रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि मझेरा के सर्वे नंबर 314, 316, 318, 357,  357/1, 358/1के लिए कलेक्टर द्वारा पत्थर उत्खनन हेतु निविदा आमंत्रित की गई थीं जबकि यह क्षेत्र माधव राष्ट्रीय उद्यान के इको सेंसिटिव जोन में आता है।
*कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को माधव राष्ट्रीय उद्यान की सीमा से 2 किमी की परिधि में जो भी खदान संचालित हैं उनको बंद करके अनुपालन रिपोर्ट पेश करने के आदेश।*
*एनजीटी द्वारा संचालक, खनिज विभाग भोपाल को मझेरा में उत्खनन के कारण हुए गड्ढों को भरने एवं माइनिंग क्लोजर प्लान को अमल करने के लिए दो महीने का समय दिया है और इसका खर्चा विभाग द्वारा पूर्व लीज धारकों से वसूलने के आदेश।*
आसपास पानी के स्रोत में आयरन की मात्रा अधिक होना पाया गया है जिसके लिए एनजीटी ने राज्य भूजल बोर्ड को इसकी जांच करने के आदेश भी दिए हैं।
अगली सुनवाई 16 जनवरी 2023 के नियत की गई है।

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