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पेंशनर्स की मांगों के लिए सभी पेंशनर्स संगठनों द्वारा मुख्यमंत्री के नाम 11 सूत्रीय मांग पत्र ज्ञापन सौंपा।
मुरैना "वरिष्ठ नागरिक सह पेंशनर्स संघ" के प्रदेश अध्यक्ष श्री उजागर सिंह चौहान, जिला अध्यक्ष श्री जे.पी.कौशिक के आग्रह पर जिला मुरैना स्थानीय पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री बी.एल.टुण्डेले, एवं पेशनर एसोसिएशन अध्यक्ष श्री विष्णु कुमार शुक्ला, पेंशनर समाज अध्यक्ष श्री शिवकुमार वाजपेयी, मध्यप्रदेश विद्युत विभाग पेंशनर अध्यक्ष श्री पी.पी.मिश्रा, मध्यप्रदेश स्टेनोग्राफर पेंशनर संघ के अध्यक्ष श्री अशोक तिवारी कार्यकारिणी पदाधिकारियों, सदस्यों सहित एकजुट होकर ए.बी.रोड समीपस्थ नवीन कलेक्ट्रेट भवन परिसर मुरैना में एकत्र हुए, जिनके समर्थन में पुलिस पेंशनर्स संघ जिला मुरैना के अध्यक्ष श्री धर्म सिंह सेंगर भी कुल-०८ कार्यकारिणी पदाधिकारियों, सदस्यों सहित मौके पर मौजूद रहे और कलेक्टर मुरैना के माध्यम से मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन को संबोधित ११ सूत्रीय मांगपत्र ज्ञापन सौंपा गया । सभी पेंशनर्स एसोसिएशन उपरोक्त मांगों के प्रति एकमत हैं, कि राज्य कर्मचारियों की भांति केन्द्र सरकार द्वारा घोषित तिथि से ही समस्त पेंशनर्स को ४२% मेंहगाई राहत राशि शीघ्र प्रदान की जावे । भविष्य में भी कर्मचारियों के समान पेंशनर्स को भी केन्द्र सरकार द्वारा घोषित तिथि से राहत राशियों का भुगतान कराया जावे । माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय आदेशानुसार छठवें वेतनमान का ३२ माह और सातवें वेतनमान का २७ माह का ऐरियर ०६% ब्याज दर सहित शीघ्र भुगतान कराया जावे तथा उच्च न्यायालय के निर्णय अनुसार अधिवार्षिकी आयु पूर्ण कर प्रति वर्ष की दिनांक-३० जून और ३१ दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को महज़ एक दिन सेवा विहीन रह जाने के कारण विगत छः महीने का संन्निष्ठ सेवाकाल निरर्थक होने से निरापद, सुरक्षित करने हेतु ०१ जुलाई और ०१ जनवरी प्रकल्प वेतनवृद्धि आवश्यक रूप से प्रदान की जावे । मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के पेंशनर्स को राहत राशि भुगतान हेतु अनावश्यक बाधित करने का माध्यम मानी हुई दोनों राज्य सरकारों की औचित्यहीन पारस्परिक सहमति विषयक मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा-४९(६) तत्काल प्रभाव से खारिज, समाप्त की जावे । क्योंकि राज्य पुनर्गठन की तात्कालिक स्थिति के पश्चातवर्ती वर्षों में पारस्परिक सहमति हेतु उपरोक्त धारा में कोई उल्लेख भी नहीं है तथा मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के साथ-साथ उत्तराखण्ड एवं झारखण्ड राज्य भी गठित हुये थे, लेकिन उनमें पारस्परिक सहमति का कोई झमेला ही नहीं है, फिर मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ में यह झमेला क्यों चलाया जा रहा है ? इस झमेले के कारण पेंशनर्स का दमन एवं अत्यधिक शोषण हो रहा है, पारस्परिक सहमति हेतु व्यतीत होने वाली विलम्ब अवधि के लिए नैकी राहत राशि मध्यप्रदेश सरकार पेंशनर्स को नहीं देती है, वल्कि स्वयं हड़प जाती है, फलस्वरूप मध्यप्रदेश सरकार को करोड़ों रुपए का अप्रत्याशित लाभ मिलता है और पेंशनरों की गम्भीर आर्थिक अपहानि हो रही है, इसलिए धारा ४९(६) सरकार के लिए ठगी, बेईमानी का श्रोत एवं पर्याप्त आधार है, जो पेंशनर्स के लिए सर्वथा अहितकार है, पेंशनर्स हित में इस धारा को तत्काल समाप्त किया जाना नितान्त आवश्यक एवं प्रासंगिक है । इसके साथ ही पेंशनर्स के लिए निःशुल्क चिकित्सा सुविधा हेतु आयुष्मान कार्ड्स अथवा उपचार बीमा योजना लागू की जावे और वरिष्ठ नागरिक सुविधाएं, छूट इत्यादि भी प्रमुखतया यथाशीघ्र प्रदान की जावें । उपरोक्त मांगों के ज्ञापन हेतु उल्लेखित पेंशनर्स संगठनों के परस्पर समर्थक कुल-४६ पदाधिकारी एवं सदस्यगण उपसंजात हुए थे, पुलिस पेंशनर्स संघ जिला मुरैना के अध्यक्ष श्री धर्म सिंह सेंगर से एकसाथ इस अवसर पर सौजन्य मुलाकात एवं परिचय हुआ, जिन्होंने पुलिस पेंशनर्स संघ संस्थापक एवं प्रदेश अध्यक्ष और संयोजक श्री एम.पी.एस.परिहार के निर्देशानुसार अगले सप्ताह में "पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति" जिला मुरैना में गठित करने विषयक संकेत दिए हैं, जो पेंशनर्स की जायज मांगों के संदर्भ में विशेष सक्रियता से तत्पर रहेगी
