पांच शुभ संयोग में होगी सावन मास की विनायक चतुर्थी जानिए मुहूर्त और महत्व

इस समय भगवान शिव का प्रिय महीना सावन चल रहा है। सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जाएगा। 16 अगस्त को अधिक मास का समापन हो रहा है। वहीं, 17 अगस्त से सावन शुक्ल पक्ष का प्रारंभ हो जाएगा। सावन का महीना शिव परिवार के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन की विनायक चतुर्थी के दिन व्रत रखकर गणेश जी की पूजा करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस साल सावन विनायक चतुर्थी पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। इन शुभ संयोग में गणेश जी की पूजा की जाएगी। आइए, जानें सावन विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व।
सावन विनायक चतुर्थी सही तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 19 अगस्त को रात 10 बजकर 19 मिनट शुरू हो रही है। इस तिथि की समाप्ति 20 अगस्त की देर रात 12 बजकर 21 मिनट पर होगी। उदया तिथि के आधार पर सावन विनायक चतुर्थी का व्रत 20 अगस्त रविवार के दिन रखा जाएगा।
सावन विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त
सावन विनायक चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 06 मिनट से प्रारंभ होगा और यह शुभ समय दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। ऐसे में विनायक चतुर्थी पर ढाई घंटे से अधिक पूजा के लिए शुभ समय मिल रहा है।
5 शुभ संयोग में विनायक चतुर्थी
इस बार सावन विनायक चतुर्थी पर 5 शुभ संयोग बन रहे हैं। 20 अगस्त को सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि, रवि योग, साध्य योग और शुभ योग बनेंगे। इन 5 शुभ योगों में सावन विनायक चतुर्थी पड़ रही है। साध्य योग प्रातः काल से लेकर रात 09 बजकर 59 मिनट तक है। इसके बाद साध्य योग प्रारंभ हो रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग सुबह 05 बजकर 53 मिनट से शुरू होगा और यह 21 अगस्त सोमवार को सुबह 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा। पूरे दिन हस्त नक्षत्र होगा।
सावन विनायक चतुर्थी महत्व
सावन का महीना भगवान शिव को प्रिय है। गणेश जी भगवान शिव के पुत्र हैं। सावन विनायक चतुर्थी के दिन गणेश पूजा से भगवान शिव और माता पार्वती भी प्रसन्न होंगे। इस व्रत को करने से गणेश जी की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही हर तरह के संकट दूर होते हैं। धन, बल और बुद्धि की प्राप्ति होती है।
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