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धार्मिक

सावन की अधिक मास पूर्णिमा आज करें ये उपाय मिलेगा व्रत का पूर्ण फल

 हिंदू धर्म में सावन महीने की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व होता है। अधिक मास का महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस बार 19 सालों के बाद, सावन में अधिक मास का संयोग बन रहा है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पापों से मुक्ति मिलती है। अधिक मास की पूर्णिमा की तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित होती है। इस बार अधिक मास लगने के कारण अधिक मास की पूर्णिमा 01 अगस्त और सावन पूर्णिमा 30 अगस्त को है। पूर्णिमा तिथि इसलिए भी खास होती है, क्योंकि इस दिन चंद्र पूजन से चंद्र दोष भी दूर होता है।

तिथि एवं महत्व

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का खास महत्व है। इस दिन स्नान,पूजा-पाठ, व्रत और दान का विशेष फल मिलता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण अधिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 01 अगस्त को सुबह 03:51 बजे से शुरू होगी और 02 अगस्त को देर रात 12:00 बजे तक रहेगी। ऐसे में अधिक मास की पूर्णिमा का व्रत 01 अगस्त, मंगलवार के दिन रखा जाएगा। इसी दिन मंगला गौरी व्रत भी रखा जाएगा। साथ ही इस दिन प्रीति योग और आयुष्मान योग भी बनेंगे और उत्तराषाढ़ नक्षत्र रहेगा। इन शुभ योगों की वजह से भक्तों को पूजा-पाठ और व्रत का शानदार फल मिलेगा।

कैसे करें पूजन?

हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त में उठने को विशेष महत्व दिया गया है। इसलिए सावन पूर्णिमा के दिन जल्दी उठें और पवित्र नदी में स्नान करें। इसके बाद भगवान शिव, विष्णुजी और मां लक्ष्मी की पूजा करें। पूर्णिमा के दिन व्रत करें या सात्विक भोजन करें। इस दिन मांसाहार भोजन और नशे की चीजों से दूर रहें। सावन अधिक मास पूर्णिमा के दिन दान का भी काफी महत्व है। इस दिन यथासंभव दान दें और किसी जरुरतमंद को खाली हाथ न लौटाएं। इस दिन दिए दान का कई गुणा फल मिलता है।

डिसक्लेमर

‘इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।’

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