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सोमवार दिनांक 6 मार्च को होगा होलिका दहन।

।। #होलिकादहन।। भद्रारिहत प्रदोषकालव्यापिनी फाल्गुन पूर्णिमा में 'होलिकादहन' किया जाता है । यदि दो दिन पूर्णिमा प्रदोषव्यापिनी हो अथवा दूसरे दिन वह प्रदोष के एकदेश को व्याप्त करे तो पहले दिन भद्रादोष के कारण होलिकादहन दूसरे दिन ही किया जाता है। यदि दूसरे दिन प्रदोष का वह स्पर्श ही न करे और पहले दिन प्रदोष में भद्रा विद्यमान हो, किंच-दूसरे दिन पूर्णिमा साढ़े तीन प्रहर तक अथवा उससे ज्यादा हो एवम् अगले दिन प्रतिपदा वृद्धिगामिनी (पूर्णिमा से अधिक मान वाली) हो तब दूसरे दिन ही प्रदोषव्यापिनी प्रतिपदा में होलिकादहन होता है। यदि वहां प्रतिपदा ह्रासगामिनी (पूर्णिमा से कम मान वाली) हो तब पहले दिन भद्रा के पुच्छ में अथवा भद्रा के मुख को छोड़कर भद्रा में ही होलिकादहन किया जाता है। दूसरे दिन पूर्णिमा प्रदोष को स्पर्श ही न करे | और पहले दिन निशीथ से पहले ही भद्रा समाप्त हो जाए तो वहां भद्रा समाप्ति पर होलिकादहन किया जाए। यदि यहां भद्रा निशीथ के बाद समाप्त हो रही हो तो भद्रामुख को छोड़कर भद्रा में हो 'होलिकादीपन' होना चाहिए। यदि प्रदोष में भद्रामुख हो तो भद्रा के बाद अथवा प्रदोष के बाद होलिकादहन किया जाए। दोनों दिन यदि पूर्णिमा प्रदोष को स्पर्श न करे तो पहले ही दिन भद्रापुच्छ में होली जलाई जाए। यदि वहां भद्रापुच्छ भी न मिले तो भद्रा में ही प्रदोष के अनन्तर होलिकादीपन करे। ये विभिन्न स्थितियाँ' होलिकादहन' के लिए शास्त्रों में प्रतिपादित है । इस वर्ष (सं. 2079 वि. में) पूर्णिमा 6 मार्च, 2023 ई. को 16घं. 17 मि. बाद प्रारम्भ होकर 7 मार्च, 2023 ई. को 18घं. 10 मि. तक रहेगी। स्पष्ट है- 6 मार्च, 2023 ई. को यह पूर्णिमा पूर्ण प्रदोषव्यापिनी है। हालांकि 7 मार्च, 2023 ई. को भी पूर्णिमा भारत के कुछ भागों में प्रदोषव्यापिनी रहेगी। पहले दिन यानी 6 मार्च, 2023 ई. को 16घं. 17 मि. से 29 घं. 13 मि. तक भद्रा रहेगी। अत: इस दिन पूरा का पूरा प्रदोष भद्रा से दूषित है । 7 मार्च, 2023 ई. को पूर्णिमा साढ़े तीन प्रहर से भी अधिक (चौथे प्रहर के काफी भाग तक) है और प्रतिपदा यहां पूर्णिमा के मान से कम होने पर ह्रासगामिनी है। पहले दिन भद्रा यहां निशीथ के काफी बाद तक है। ऐसी स्थिति में पहले ही दिन भद्रामुख को छोड़कर भद्रापुच्छ में अथवा भद्रापुच्छ भी समय से न मिले तो भद्रा में ही 'होलिकादहन' किया जाएगा। 6 मार्च, 2023 ई. को भद्रामुख अर्धरात्रि के बाद 25 घं. 1 59 मि. से 26 घं. 41 मि. तक रहेगा। इस दिन भद्रापुच्छ भी काफी देरी से अर्धरात्रि बाद ही द 24 घं. 41 मि. से 25 घं. 59 मि. तक प्राप्त हो रहा है। अतः ऐसी स्थिति में भद्रा में ही प्रदोष के समय होलिकादहन 6 मार्च, 2023 ई. को निःशंक किया जाए-यहस्पष्ट है। इसी का शास्त्रकार पुरजोर समर्थन करते हैं और यह तर्कसंगत भी है। क्योंकि भारत के कुछ पूर्वी प्रदेशों में दूसरे दिन यानी 7 मार्च, 2023 ई. को भी पूर्णिमा प्रदोष को स्पर्श कर रही है और वहां भद्रा का पूर्णतः अभाव भी है। अतः उन पूर्वी प्रदेशों में, जहां सूर्यास्त 18घं. 10 मि. से पहले होगा। वहां (उन प्रदेशों में ) यह 'होलिकादहन' 7 मार्च, 2023 ई. को ही प्रदोष में होगा यह भी स्पष्ट है। अतः पंजाब हरियाणा जयपुर दिल्ली आदि में 6 मार्च को प्रदोष काल में होलिका दहन होगा -- मार्तण्ड पंचांग

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