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श्योपुर। आदिम जाति कल्याण विभाग श्योपुर का अनोखा खेल। जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण शासन की योजनाओं को लग रहा पलीता।
(श्योपुर एक्सप्रैस चेतन सिसौदिया) श्योपुर। शासकीय माध्यमिक विद्यालय पनार की कहानी कुछ निराली है यहां पर 200 से ज्यादा छात्र दर्ज हैं जबकि मात्र 6 शिक्षक पदस्थ है जिनमें से विभाग द्वारा 2 शिक्षकों को छात्रावास में अधीक्षक बना दिया गया है एक शिक्षक को शासकीय हाई स्कूल पनार मैं शैक्षणिक व्यवस्था हेतु संलग्न कर दिया गया है वही एक शिक्षक का नाम जन शिक्षा केंद्र गोरस में संकुल समन्वयक के लिए बीआरसी द्वारा प्रस्तावित किया गया है जबकि शासकीय माध्यमिक विद्यालय पनार में 7 शिक्षकों की आवश्यकता है लेकिन 6 ही शिक्षक पदस्थ है उनमें से भी 4 शिक्षकों को वहां से हटा दिया गया है और साला का प्रभार भी अन्य विद्यालय से सलंग्न किये शिक्षक को सौंप दिया गया है जो कि नियम विरुद्ध है ऐसा निराला खेल मात्र एक ही संस्था में नहीं है यह कराहल ब्लॉक की अधिकतर शालाओं में देखा जा सकता है पढ़ाई का स्तर भी बहुत ही कमजोर है आदिम जाति कल्याण विभाग का अमला भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है और ना ही जिम्मेदारों का कोई ध्यान है। आश्रम एवं शालाओं की स्थिति दयनीय बनी हुई है यह क्षेत्र अधिक पिछड़ा हुआ होने के कारण अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है फिर भी जिम्मेदार अपने निजी स्वार्थ के कारण इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं जबकि यहां ध्यान देना अत्यंत आवश्यक है किंतु मैदानी अमले की खुदगर्जी के कारण पिछड़ा हुआ क्षेत्र और भी पिछड़ता जा रहा है जिससे प्रदेश के मुख्यमंत्री की जन कल्याणकारी योजनाओं का फलीभूत होना नजर नहीं आ रहा। जिम्मेदार आखिर कब इस ओर ध्यान देंगे जिससे शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन धरातल पर हो सके कराहल विकासखंड में अधिक ध्यान की आवश्यकता है जिससे मौजूदा स्थितियों में सुधार हो सके। इनका कहना:- मेरे पास तो पूरा ब्लॉक है इस सम्बन्द्ध में कोई जानकारी नहीं है इसकी जानकारी खंड शिक्षा अधिकारी को होगी। एम.पी. पिपरैया सहायक आयुक्त जन जातीय कार्य विभाग इनका कहना:- इस सम्बन्ध में मुझे जानकारी नहीं है में संकुल प्राचार्य के जानकारी लेकर बताता हूँ। एस.पी. भार्गव खण्ड शिक्षा अधिकारी कराहल
