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भोपाल। केंद्रीय कारागार में कैद सिमी के 26 आतंकी, 77 पुलिसकर्मी करते हैं चौबीसों घंटे निगरानी।

भोपाल। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर सिमी पर लगाए प्रतिबंध को सही ठहरने बाद जेल में बंद सिमी आतंकी संगठन फिर चर्चा में है। भोपाल सेंट्रल जेल में बंद सिमी के 26 आतंकियों को कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाता है। उनकी सुरक्षा में सात जेल अधिकारी समेत करीब 77 जेल प्रहरी तैनात रहकर 24 घंटे निगरानी करते हैं। छह साल पहले सिमी के जेल तोड़कर भागने की घटना से उनकी सुरक्षा की समय-समय पर समीक्षा भी होती रही है। बता दें कि करीब छह साल पहले दीपावली की रात भोपाल सेंट्रल जेल से सिमी के आठ आतंकी जेल प्रहरी की हत्या कर जेल तोड़कर फरार हो गए थे।बाद में इन आठ आतंकियों को पुलिस ने ग्राम खेजड़ी के पास घेरकर उनका एनकाउंटर कर दिया था।उसके बाद से उनकी सुरक्षा सख्त कर रखी है। उनको सेल में रखा जाता है। सिमी (स्टूडेंट्स स्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया) को 2001 से केंद्र सरकार ने इस संगठन को बैन कर रखा है। ऐसे फैला सिमी आतंकियों का जाल प्रदेश के निमाण क्षेत्र और इससे लगे इलाके धीरे - धीरे कटरपंथी मुस्लिम संगठन के गढ़ बनते गए हैं। इसी क्षेत्र का खंडवा अतिसंवेदनशील जिलों में शुमार है। प्रदेश में सिमी का नेटवर्क 90 के दशक में फैलना शुरू हो गया था। प्रदेश की राजधानी भोपाल ,इंदौर , उज्जैन और जबलपुर के अलावा खंडवा, बुरहानपुर और सिवनी जैसे छोटे जिलों में इससे अपनी पैठ जमाई थी। शुरूआत में सिमी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा शहिद बद्र फलाही ने यहां संगठन का नेटवर्क खड़ा करने की कोशिश की।खंडवा के अकील खिलजी को उसने अपने साथ जोड़कर पढ़े लिखे मुस्लिम युवाओं को अपने साथ जोड़ने की कोशिश की। 2006 में पहली बार देखने में आया जब एक धार्मिक जुलूस के दौरान उपद्रव के बाद इन युवाओं के आक्रोश भूनने की कोशिश की गई। बाद में उस समय खंडवा के एसपी रहे डीसी सागर ने सिमी के सक्रिय कार्यकर्ताओं की धरपकड़ करने के निर्देश दिए। इस दौरान काफी मात्रा में भड़काऊ साहित्य इनके पास से बरामद किया गया था। सफदर नागौरी समेत 13 की गिरफ्तारी से मिली कामयाबी हालांकि सिमी संगठन के बारे में पुलिस को सबसे अहम कामयाबी मार्च 2008 में उस समय मिली। जब इंदौर पुलिस ने मार्च 2008 में सफदर नागौर समेत संगठन से जुड़े 13 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया। उनसे पूछताछ के बाद खरगौन में छापेमार कार्रवाई हुई और पुलिस को बम बनाने का सामान बरामद हुआ। यह स्थान एक प्रशिक्षण शिविर था और यहां एमपी के अलावा महाराष्ट्र , केरल और झारखंड सिमी संगठन से लोग आते थे। अबू फैजल की सक्रियता बढ़ी और आतंकी चेहरा सामने आया इधर, पुलिस की प्रताड़ना से परेशान युवाओं के बढ़ते आक्रोश को सिमी ने भुनाया और सिमी के प्रदेश मुखिया अबू फैजल क सक्रियता बढ़ी ।नवंबर 2009 में एटीएस के जवान सीताराम यादव की हत्या के साथ दो और हत्या में सिमी का नाम सामने आने के बाद इस संगठन का आतंकी चेहरा सामने आ गया था। सिमी आतंकियों की सुरक्षा में करीब 77 जेल पुलिस के जवान तैनात रहते हैं। इसमें सात जेल अधिकारी रहते हैं। 24 घंटे में उनकी सुरक्षा की समीक्षा की जाती है। - अजय खरे, जेल उप अधीक्षक, सेंट्रल जेल भोपाल

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