कानपुर के उद्यमियों का योगी सरकार पर बढ़ा भरोसा, उद्यम इकाइयों के विस्तार का फैसला, 600 करोड़ के प्रोजेक्ट तैयार

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) पर उद्यमियों का बढ़ता भरोसा अब धरातल पर दिखाई देने लगा है। कानपुर के तीन दर्जन से अधिक उद्यमियों (Kanpur Entrepreneurs) ने अपनी स्थापित उद्यम इकाइयों के विस्तार का फैसला किया है। विस्तार प्रस्ताव में उद्यमियों ने 600 करोड़ रुपए के निवेश की तैयारी भी कर ली है। टेक्सटाइल इंडस्ट्री से 172 करोड़ के विस्तार प्रस्ताव मिले हैं। वहीं, घड़ी साबुन निर्माता कंपनी भी 100 करोड़ का विस्तार निवेश करने जा रही है।
राजधानी लखनऊ में अगले महीने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 का आयोजन होने जा रहा है। इससे पहले सरकार ने स्थानीय स्तर पर भी निवेश का माहौल बनाना शुरू कर दिया है। अब तक सरकार की ओर से नए उद्यम की स्थापना पर ही प्रोत्साहन छूट दी जाती रही है लेकिन नई उद्योग नीति में पहले से स्थापित उद्योगों को विस्तार करने पर भी नई यूनिट की तरह ही उद्योग स्थापना प्रोत्साहन दिए जाने का फैसला किया गया है।
इसका असर भी दिखने लगा है। निवेश जुटाने में लगे उद्योग विभाग ने अब तक 8000 करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। उद्यमियों के साथ किए निवेश प्रस्तावों का एमओयू कराने में अधिकारियों ने पहले से संचालित उद्योगों के संचालकों से भी संबंध साधा है। इसका परिणाम सुखद रहा।
अब तक 600 करोड़ के निवेश प्रस्ताव पर एमओयू कराया गया है। जिसमें टेक्सटाइल, लेदर गुडस, खाद्य प्रसंस्करण, प्लास्टिक व मशीनरी उद्योग प्रमुख हैं। टेक्सटाइल इंडस्ट्री से 15 कंपनियों ने 172 करोड़ के विस्तार प्रोजेक्ट तैयार कराए हैं। सबसे बड़ा अकेला विस्तार निवेश प्रस्ताव 100 करोड़ रुपये का घड़ी साबुन निर्माता कंपनी का है। कंपनी ने अपनी विस्तार यूनिट लगाने जा रही है.
प्रमुख विस्तार प्रस्ताव
करामत टैनिंग इंडस्ट्री – 50 करोड़
ग्लोब टैनर्स – 52 करोड़
हरिओम इंडस्ट्रीज – 50 करोड़
टेक्सटाइल इंडस्ट्री – 70 करोड़
कलर्स फैबिक्र – 50 करोड़
ले मैक एक्सपोर्ट – 50 करोड़
के प्लास्ट प्रोडक्ट – 50 करोड़
केडी पोली इंडस्ट्रीज – 10 करोड़
केडी पालीमर्स – 15 करोड़
कानपुर प्लास्टिक पैक – 10 करोड़
विनायक ग्रुप – 10 करोड़
श्याम एडबिल आयल – 10 करोड़
प्रीसेटिक्स इक्विपमेंटस प्रा लिमिटेड- 10 करोड़
प्रेसिशन पार्टस – 10 करोड़
उपायुक्त उद्योग सुधीर श्रीवास्तव का कहना है कि पुराने उद्यमों का विस्तार करने पर नई इकाइयों की तरह सभी सुविधाएं सरकार की ओर से दी जा रही हैं। इससे पहले से संचालित उद्योगों का विस्तार करना भी आसान हो गया है। इसका फायदा उद्यमी उठा रहे हैं। अब तक 600 करोड़ का निवेश विस्तार प्रोजेक्ट में मिला है। कुछ अन्य प्रस्ताव भी जल्द मिलने वाले हैं।