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ग्वालियर। श्री राम कथा से जीवन में विशाल परिवर्तन आता है – रामदास जी महाराज।
ग्वालियर।। ददरौआ धाम मंदिर प्रांगण दीनदयाल नगर में ददरौआ धाम भक्त मंडल के द्वारा भागवताचार्य सच्चिदानन्द महाराज के द्वारा सुनाई जा रही नौ दिवसीय संगीतमय श्री रामकथा के पांचवे दिन श्री राम विवाह का आयोजन किया गया। जिसमे ददरौआ धाम महंत महामंडलेश्वर श्री रामदास जी महाराज प्रमुख रूप से मौजूद रहे। महंत ददरौआ धाम श्री राम दास जी महाराज के द्वारा भगवान श्री रामचंद्र जी के जीवन चरित्र को विस्तृत रूप से बताते हुए उनके जीवन से जुड़े अनेक विंदुओ पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सभी श्रोताओं को उनके जीवन के साधक भाव को अपने जीवन में उतारना चाहिए। तथा परिवार ब धर्म के लिए हम सभी को उनसे प्रेरित होना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने श्री सच्चिदानंद महाराज जी के द्वारा सुनाई जा रही रामकथा को सुनकर बताया कि उन्होंने अपने जीवन में राम जी के चरित्र को लेकर के जो महाराज जी से सुना वो अदभुत है। श्री राम कथा के पांचवे दिन के अवसर पर अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा सनातन के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व उप पुलिस अधीक्षक केडी सोनकिया, समाजसेवी अशोक भारद्वाज, भागवताचार्य रामबरन शास्त्री भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे। भागवत में सम्मिलित होने के लिए आए ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि हम सभी को अपने अंतः मन में झांकने की आवश्यकता है कि जीवन हमारा कैसा है उसको किस प्रकार चलाया जा सकता है जिसके लिए हमें लगातार प्रयास करते रहना चाहिए रामकथा केवल सुनना ही मात्र उद्देश्य न हो अपितु उसको जीवन में उतारना भी उतना ही अधिक आवश्यक है। हमारा शहर के समस्त रहवासियों से आग्रह है कि राम जी के चरित्र को अपने जीवन में जरूर उतारने का प्रयास करें जिससे हमारा जीवन श्रेष्ठ एवं उत्कृष्ट बने। इसके साथ ही समाजसेवी अशोक भारद्वाज के द्वारा देशी कहावतों के माध्यम से लोगों को धर्म के प्रति अपने रुझान एवं देश प्रेम से सुसज्जित बातों का मार्मिक चित्रण सुनाया गया तथा लोगों को लगातार धर्म से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया। आपको बता दें कि ददरौआ धाम में चल रही कथा के माध्यम से प्रत्येक वर्ष लोगों को धर्म के प्रति जागरूक कर प्रेरित किया जाता है। श्री राम कथा के पांचवें दिन श्री राम जी के भव्य विवाह का आयोजन किया गया जिसमें श्रोताओं के द्वारा आनंद की अनुभूति प्राप्त की गई। कार्यक्रम के आयोजकों के द्वारा बताया गया कि प्रत्येक दिन कार्यक्रम के बाद भोज के माध्यम से प्रसादी वितरण की जाती है जिसमें श्रोताओं को भोज करा कर घर भेजा जाता है।
