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सभापति जगदीप धनखड़ ने राज्यसभा सदस्यों को ‘निराधार’ टिप्पणी करने से किया आगाह

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को उच्च सदन के सदस्यों को निराधार टिप्पणी करने को लेकर आगाह किया और कहा कि ऐसा करना सदन के विशेषाधिकार के हनन के समान हो सकता है। दरअसल, शून्यकाल के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के सदस्य संजय सिंह ने आरोप लगाया कि सरकार पिछले आठ सालों से अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने दावा कि प्रवर्तन निदेशालय ने पिछले आठ सालों में विपक्षी नेताओं के खिलाफ 3,000 छापे डाले हैं किंतु सिर्फ 23 ही लोगों को दोषी पाया गया है।

सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने सिंह की इस टिप्पणी का विरोध किया और आपत्ति जताई। इस पर धनखड़ ने कहा कि सदन में जो कुछ भी बोला जा रहा है वह सटीक होना चाहिए और उसे प्रामाणिकता व जिम्मेदारी के साथ कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘इस सदन में हम किसी भी सदस्य को ऐसा कुछ भी कहने की अनुमति नहीं दे सकते जो प्रमाणित नहीं हैं और जो विशेषाधिकार का बहुत गंभीर उल्लंघन है। मैं इसके बारे में बहुत गंभीर हूं …” धनखड़ ने यह भी कहा कि अखबार की खबर या किसी की राय का कोई मतलब नहीं है।

उन्होंने कहा कि सदन में आरोप लगाने के लिए कानूनी रूप से स्वीकार्य दस्तावेज होना चाहिए। इस पर कांग्रेस के अध्यक्ष और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सदस्य संसद में दिए गए सवालों के जवाबों, मीडिया में छपी खबरों और प्रधानमंत्री द्वारा सदन के बाहर दिए गए बयानों का उपयोग करते हैं। सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि सदन में किया गया यह दावा बिल्कुल गलत और तथ्यों से परे है कि 3,000 छापे राजनीतिक लोगों के यहां डाले गए हैं। उन्होंने कहा कि अदालत का विशेष निर्देश है कि यदि सांसद या विधायक आर्थिक या अन्य अपराधों में संलिप्त पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए।

बहरहाल, संजय सिंह ने अपनी बात आगे भी जारी रखते हुए आरोप लगाया कि सरकार नीरव मोदी, विजय माल्या, ललित मोदी और रेड्डी भाइयों जैसे कानून के उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है लेकिन संजय राउत (शिव सेना सदस्य) और सत्येंद्र जैन (दिल्ली सरकार के मंत्री) को जेल में बंद कर रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसियों ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के यहां भी छापे मारे। उन्होंने दावा किया कि जांच एजेंसिया सत्ताधारी दल के भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती हैं। धनखड़ ने कहा कि वह राज्यसभा के मंच का इस्तेमाल बयानबाजी करने के लिए नहीं होने देंगे।

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