ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
विदेश

भारत के खिलाफ पाकिस्तान इस पवित्र सदन को दुरुप्रयोग करता रहा : प्रतीक माथुर 

जिनेवा । भारत ने सुरक्षा परिषद में सुधारों पर संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की बैठक में जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाने पर पाकिस्तान की आलोचना कर कहा कि झूठ फैलाने की उसकी दुस्साहसपूर्ण करतूतों और बहुपक्षीय मंचों की शुचिता भंग करने की उसकी बुरी आदत की अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा निंदा होनी चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के सलाहकार प्रतीक माथुर ने कहा, इस पवित्र सदन का पाकिस्तान लगातार दुरुपयोग करता रहा है, भारत को हक है कि वह उसका जवाब दे और आज मैं इस मंच पर भारत के उस हक के साथ अपनी बात रखूंगा। माथुर ने कहा कि यूएनजीए जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार जैसे अत्यंत महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा के लिए बैठक कर रहा है, तब फिर से पाकिस्तानी प्रतिनिधि ने जम्मू-कश्मीर का ‘‘अनुचित जिक्र’’ किया।
माथुर ने कहा, मैं फिर दोहराना चाहता हूं, पाकिस्तानी प्रतिनिधि चाहे जो भी मानें या कहें, लेकिन जम्मू-कश्मीर, भारत का एक अभिन्न व अविभाज्य हिस्सा है। साथ ही उन्होंने कटाक्ष कर कहा कि पाकिस्तान पर तरस खाना चाहिए। इससे पहले दिन में, संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने पूर्ण बैठक को संबोधित किया था। उन्होंने जी4 देशों ब्राजील, जर्मनी, भारत और जापान की ओर से जोर देकर कहा कि सुरक्षा परिषद में सुधार को जितना लंबा खींचा जाएगा, प्रतिनिधित्व में उसकी कमी उतनी ही अधिक दिखेगी। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधित्व, इसकी वैधता और प्रभावशीलता की एक अनिवार्य शर्त है।

Related Articles

Back to top button