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ग्वलियर 18 राज्यों के युवा दे रहे हैं राष्ट्रीय एकता का संदेश
ग्वालियर। भारत की एकता और अखंडता को मजबूत बनाए रखने के लिए देश के भविष्य युवाओं को भारत की पुरातन संस्कृति तथा परंपरागत टिकाऊ जीवन शैली को समझने और अपनाने की जरूरत है। यह बात राष्ट्रीय युवा योजना के तत्वाधान में सोमवार को जीनीयस इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल ग्वालियर में आयोजित राष्ट्रीय एकता एवं सद्भावना शिविर के संचालक मधुसूदन दास ने कही। उन्होंने कहा दुनिया में भारत एक महान देश है जहां दुनियां के 4 महाधर्मों का जन्म हुआ, जहां 1654 मात्र भाषाएं है तथा 22 भाषाओं को भारतीय संविधान में शामिल किया गया है। खानपान ,वेशभूषा भिन्न हैं। ऐसे महान राष्ट्र को एक बनाये रखने के युवाओं को भारतीयता से परिचित करवा कर जीवन में अपनाना होगा तभी भारत दुनियां मे महानता हांसिल करेगा। भारत की संतान के निदेशक तथा ध्वज वंदन के प्रशिक्षक नरेंद्र बड़गॉंवकर ने झंडा वन्दन के महत्व को समझाते हुए कहा कि पूरे देश के 8 लाख गांव में झंडे का महत्व गरिमा, सम्मान तथा झंडा फहराने के नियमों के बारे में विस्तार से समझने की जरूरत है। ताकि झंडे के महत्व के बारे सभी देशवासी समान रूप से समझ कर उसके सम्मान के लिए पूर्ण रूप से समर्पित हों। ध्वज बंदन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएसपी रवि भदौरिया ने ध्वज बंधन कर शिविरार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां युबको युवतियों को राष्ट्रीय एकता का सही प्रशिक्षण दिया जा रहा है। देश को तोड़ने वाली ताकतों के लिए ये युवा जबाब हैं। युवा शक्ति जागेगी तभी राष्ट्र मजबूत होगा। केरल से आये सुकुमारन जी ने मलयालम भाषा की क्लास ली। जिसमें 2 दर्जन शिविरार्थीयों ने मलयालम भाषा सीखी। इसी प्रकार तमिल, मराठी, गुजराती, असमिया ,बंगाली ,ओरिया तथा पंजाबी भाषा का क्लास चली। शिविर के संयोजक युवराज सिंह ने बताया 8 नवम्बर को ठाठीपुर तथा 9 नंवबर को बाड़े पर प्रार्थना सभा तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। राष्ट्रीय युवा योजना के राष्ट्रीय सचिव रन सिंह परमार ने बताया कि इन शिविरों का आयोजन आज़ादी के अमृत महोत्सव वर्ष में पूज्य भाई जी के राष्ट्रीय एकता के संदेश को देश भर पहुंचाने के लिए किए जा रहे हैं। योगेंद्र पाल सिंह जादौन ने योगा क्लास लिया।
