ब्रेकिंग
केंद्र सरकार कराऐगी जाति जनगणना PCC चीफ ने कहा, DGP का आदेश खाकी वर्दी का अपमान सांसद-विधायक को सैल्यूट करेगें पुलिस कर्मी, ये लोकतं... सीएम बोले- पाकिस्तानी नागरिकों को एमपी से जल्द बाहर करें: पुलिस अधिकारियों को अभियान चलाने के निर्दे... मंदसौर में तेज़ रफ़्तार कार कुऐ में गिरी 6 लोगों की मौत केंद्र सरकार का एक और सख्त फैसला, पाकिस्तानी हिंदुओं की चारधाम यात्रा पर रोक कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने अमित शाह को बताया शिव अवतार, बयान पर मचा बवाल, कांग्रेस-बीजेपी आमने-साम... केंद्र सरकार का बड़ा ऐलान: पाकिस्तानी हिन्दु , सिखो का वीजा रद्द नहीं होगा नवविवाहिता के साथ रेप कर हत्या, कमरे में निवस्त्र मिली लाश, जेठ पर आरोप कमरे में निवस्त्र मिली लाश,... पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा पर खतरा मंडराया, सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल दाखिल मध्यप्रदेश में एक मई से होगे ट्रांसफर मुख्यमंत्री ने शिक्षण सत्र खत्म होने के बाद बताया तबादलों का क...
धार्मिक

राम मंदिर की पूजा विधि में बदलाव, अब साथ में नहीं होगी सीता-राम की स्तुति, जानें क्या है कारण

अयोध्या। अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को हो जाएगी और रामलला की नियमित पूजा अर्चना शुरू हो जाएगी। इस बीच रामलला की पूजा विधि और स्तुति में भी कुछ बदलाव किया गया है। अब राम मंदिर में भगवान श्रीराम की पूजा रामानंदीय परंपरा के अनुसार नहीं होगी। रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि अभी तक भगवान श्रीराम की पूजा माता सीता के साथ रामानंदीय परंपरा के अनुसार होती थी, लेकिन अब रामलला के प्राधान्य को ध्यान में रखकर माता सीता के साथ संयोजित स्तुति नहीं होगी।

माता सीता की स्तुति नहीं होने का कारण

राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने उपासना के विशेषज्ञ संतों से विमर्श के बाद तय किया है कि अब रामानंदीय परंपरा से भगवान श्रीराम की पूजा इसलिए नहीं होगी क्योंकि मुख्य गर्भगृह में रामलला के साथ भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न के बाल रूप और हनुमान जी, सरयू मैया तथा अयोध्या नाथ का आह्वान किया जाएगा। चूंकि प्रभु श्री राम मंदिर में बालस्वरूप में विराजमान हो रहे हैं, इसलिए माता सीता की उपासना एक चूक के रूप में इंगित हुई है। मूल गर्भगृह में श्रीराम का विग्रह 5 वर्षीय बालक के रूप में स्थापित किया जा रहा है।

प्रथम तल के गर्भगृह में हो सकती है माता सीता की पूजा

रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास के अनुसार, भूतल पर स्थित मूल गर्भगृह में मां सीता की उपासना न होने की भरपाई प्रथम तल के गर्भगृह से होने की संभावना है। प्रथम तल के गर्भगृह में श्रीराम और माता सीता के सात संपूर्ण राम दरबार की स्थापना की जाएगी। इस राम दरबार में तीनों भाईयों भरत, लक्ष्मण एवं शत्रुघ्न सहित हनुमान जी की भी प्रतिमा होगी।

Related Articles

Back to top button