धारा 80 सी के अंतर्गत सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प | Most Popular Investment Options Under Section 80C in hindi

धारा 80 सी के अंतर्गत सबसे लोकप्रिय निवेश विकल्प (L of 7 Most Popular Investment under section 80C of income tax act in hindi)
कर बचत करना एक काफी अच्छा कार्य है, सही योजना चलते हम अपने कर की बचत करने में सफल हो जाते है. आयकर से बचने के लिए आयकर अधिनियम 1961, धारा 80 सी को सबसे ज्यादा उपयोग में लाया जाता है. इस धारा के तहत आयकर के बचाव में अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करने के लिए आप प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 1,50,000 रु तक का निवेश करना ठीक है. इस छूट को पाने के लिए अपनी पूंजी का निवेश कुछ वित्तीय उत्पादों में करना रहता है, जो आपके टैक्स बचाने में सहायक हो और साथ ही बेहतर रिटर्न देने में भी मदद करे.
धारा 80 सी के अनुसार निवेश विकल्प ( Investment under section 80C of income tax act in hindi)
भारत सरकार बचत और नागरिकों के बढ़िया जीवन को बढ़ावा देने के लिए कुछ निवेशों पर छूट देगी. कई ऐसे निवेश है जिनमे व्यक्ति धारा 80 सी के तहत कटौती का दावा कर सकता है. उनमे से कुछ लोकप्रिय निवेश विकल्प की हम नीचे चर्चा करेंगे.
जीवन बीमा प्रीमियम (life insurance premium tax deduction)
यदि आपने अपना अथवा अपने परिवार के किसी सदस्य जैसे बच्चे अथवा पत्नी के लिए जीवन बीमा कराया है, तो धारा 80 सी के जरिये आयकर कटौती के लिए निवेश के कई रास्ते है. आपके द्वारा जमा किये जाने वाले बीमा प्रीमियम को कर योग्य आय के माध्यम से घटाया जा सकता है.
पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड अर्थात लोक भविष्य निधि (PPF deduction under section 80c)
पीपीएफ सुरक्षित होते हुए अधिक अवधि इन्वेस्टमेंट का एक बेहतरीन साधन है. कोई भी व्यक्ति चाहे वो सैलरी प्राप्त करता हो या नहीं पीपीएफ खाते में निवेश करके, उसकी एक निर्धारित ब्याज की रकम अर्जित कर सकता है. हालाँकि यह योजना 15 साल की है. आपको हर वर्ष 500 रु की धनराशि अपने पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड खाते (पीपीएफ) में न्यूनतम देनी होती है. पीपीएफ खाते में ब्याज की दर सरकार द्वारा निर्णय करने के बाद नियमित अन्तराल में बदलती रहती है. पीपीएफ खाते में ब्याज की दर अवधि खाते में जमा राशि से थोड़ी अधिक होती है. पीपीएफ खाते को 5 साल के समय से लेकर के 15 वर्ष के समय तक खोला जाता है. लॉक इन अवधि की निर्भरता आपके द्वारा किये गये निवेश की अवधि पर निश्चित होती है. किसी भी तरह के भुगतान के बिना 5 साल की अवधि के बाद पीपीएफ खाते से एक निश्चित राशि को वापस करा सकते है. यह एक उपयोगी सुविधाजनक योजना है जिसमे निवेश करना लाभकारी है. आयकर की धारा 80 सी के तहत यह वेतनभोगी लोगों को कर की छूट देता है.
कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ अकाउंट) (EPF deduction under section 80c)
कर्मचारी भविष्य निधि एक सेवानिवृति लाभ योजना है यह केवल वेतन ग्रहण करने वाले कर्मचारियों को ही उपलब्ध है. इस योजना में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही एक निश्चित हिस्से का हर महीने निवेश करते है. ये पूरी राशि ईपीएफ खाते में संरक्षित होती रहती है. और इसके एक नियमित अन्तराल के बाद ब्याज का भुगतान किया जाता है.
राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी) (NSC interest deduction)
एनएससी दो प्रकार के है एक 5 साल का और दूसरा 10 साल का होता है. आयकर में कमी प्राप्त करने हेतु आप धारा 80 सी का प्रयोग कर बचत कर लेते है. एनएससी को बैंक या पोस्ट ऑफिस से खोल सकते है. काफी बैंक इसके लिए ऑनलाइन सुविधा भी प्रदान कराते है
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (senior citizen saving scheme)
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना एक निश्चित आय का साधन है. इस योजना में ब्याज का भुगतान नियमित रूप से होता है. वरिष्ठ नागरिक बचत खाता पूरे भारत में किसी भी पोस्ट ऑफिस में और राष्ट्रीय या निजी बैंकों की चयनित शाखाओं में खुलवा सकते है. 60 साल पूरे होते ही आप इस योजना के पात्र हो जाते है. यह योजना उनके लिए बहुत ही अच्छी नीति के साथ कर बचत करने के विकल्प प्रदान करती है. इस बचत योजना में जमाराशि सुरक्षित होने के साथ अच्छा रिटर्न मिलने का भी फायदा है 5 वर्ष की अवधि के बाद भी इस बचत योजना की समय सीमा बढ़ सकती है. इस बचत योजना में वार्षिक ब्याज राशि रू 10,000 से अधिक हो जाने पर इस पर टैक्स लगना आरम्भ होता है.
बच्चों के शिक्षा शुल्क का भुगतान (Income tax rebate on child school fees)
धारा 80 सी के अंतर्गत अधिकतम दो बच्चों के विद्यालय की फीस के भुगतान के लिए कटौती की अनुमति है. इसके अंतर्गत कुल 1,50,000 रुपये तक की कमी विद्यालय की फीस के रूप में मान्य है, जिसका प्रयोग बच्चों के पूर्णकालिक शिक्षा के प्रयोग किया जा सकेगा.
अंशकालिक कोर्स या कोचिंग कक्षाओं या भारत से बाहर की शिक्षा के लिए शुल्क की धारा 80 सी के जरिये कटौती के रूप में दावा करने की अनुमति नहीं है.
गृह ऋण के लिए मुख्य भाग का पुनर्भुगतान (Home loan tax benefit)
गृह ऋण ( आवासीय ऋण) के मुख्य भाग के पुनर्भुगतान के लिए भी धारा 80 सी में आयकर कमी होने की अनुमति है. राशि की यह कटौती पंजीकरण शुल्क, स्टाम्प शुल्क और हस्तानान्तरण व्यय पर प्रयोग की जाती है. धारा 80 सी के अंतर्गत गृह ऋण पर ब्याज कटौती का आदेश नहीं है हालाँकि धारा 24 में इसका वर्णन है, जिसके अंतर्गत गृह ऋण के ब्याज पर भी आयकर की छूट प्राप्त हो सकती है.
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